रात में हंसी-खुशी ली सेल्फी, सुबह फांसी लगा ली:ग्वालियर में 8 महीने की बच्ची को रोता छोड़ मां ने की आत्महत्या; पति बोला- कभी झगड़ा ही नहीं हुआ, पता नहीं उसके मन में क्या था


ग्वालियर में 8 महीने की बच्ची को रोता छोड़कर एक महिला ने फांसी लगाकर जान दे दी। उसने एक दिन पहले ही परिवार के साथ सेल्फी ली थी। फांसी भी पति की पसंदीदा साड़ी के बॉर्डर को निकालकर बनाए गए फंदे से लगाई है। जब बच्ची के रोने की आवाज सुनकर पड़ोसी पहुंचे तो घटना का पता लगा। दरवाजा अंदर से बंद था। पुलिस को मामले की सूचना दी गई। पुलिस टिन का दरवाजा तोड़कर अंदर घुसी, लेकिन तब तक महिला की मौत हो चुकी थी। महिला ने पति और 8 महीने की बच्ची के साथ मौत से एक रोज पहले ही जिंदगी की आखिरी सेल्फी ली थी। पति का कहना है कि हम तो बहुत खुश थे, उसने यह कदम क्यों उठा लिया उसे भी समझ नहीं आ रहा है।

शहर के माधवगंज स्थित इंद्रलोक गार्डन के पीछे न्यू पायगा गुढ़ा-गुढ़ी का नाका निवासी भागवती (23) पत्नी सत्येन्द्र कुशवाह की शादी ढाई साल पहले हुई थी। दोनों की 8 महीने की एक बेटी है। मंगलवार को पति के काम पर जाते ही साड़ी के बॉर्डर पर लगे गोटा-चांदी को निकालकर भागवती ने फंदा बनाकर फांसी लगा ली। जिस समय विवाहिता ने फांसी लगाई उस समय उसकी 8 महीने की बच्ची उसी कमरे में थी।

बच्ची रोई तब चला घटना का पता
घटना का पता उस समय चला जब काफी देर से रो रही बच्ची की आवाज पड़ोसियों ने सुनी। पड़ोसियों ने दरवाजा खटखटाया, लेकिन काफी देर बाद भी अंदर से कोई हलचल नहीं हुई तो पड़ोसियों ने सत्येन्द्र को सूचना दी। साथ ही पुलिस को भी बताया। सूचना मिलते ही सत्येन्द्र पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर महिला फांसी पर लटकी मिली है। पास ही बच्ची रो रही थी। पुलिस ने जांच के बाद पड़ताल के बाद मर्ग कायम कर शव का पोस्टमार्टम कराया है। पुलिस को भी खुदकुशी के कारणों का पता नहीं चला है।

नहीं हुआ कभी कोई विवाद
मृतका के पति ने पुलिस अफसरों को बताया कि शादी के बाद से वह काफी हंसी-खुशी जिंदगी जी रहे थे। उनके बीच कभी भी किसी बात पर कोई विवाद नहीं हुआ है। बल्कि एक रोज पहले ही उन्होंने अपनी हैपी फैमिली की सेल्फी तक निकाली है। पुलिस मामले की पड़ताल कर रही है।



 

माैसम बदला, मरीजों की संख्या बढ़ी:बड़े फीवर क्लीनिक्स पर रोजाना 100 सैंपल्स लेने का टारगेट, फीवर क्लीनिक्स की ओपीडी में रोज पहुंच रहे 1500 मरीज


मौसम बदलने से फीवर क्लीनिक्स में मरीजों की संख्या में मामूली बढ़ोत्तरी हुई है। स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार शहर के 29 क्लीनिक्स पर औसतन 1500 मरीज रोजाना पहुंच रहे है। इनमें से बड़े फीवर क्लीनिक्स को कोरोना जांच के लिए 100 सैंपल्स लेने का टारगेट भी दिया गया है।

छोटे क्लीनिक्स को रोजाना 50 जांचें और बड़े क्लीनिक्स को 100 सैंपल्स लेने के निर्देश है। शहर की बात करें तो यहां कुल 29 और ग्रामीण क्षेत्रों में 26 क्लीनिक्स है। जितने मरीज अस्पताल पहुंच रहे हैं, उन सभी की कोविड-19 की जांच की जा रही है। शनिवार को ही 867 आरटीपीसीआर जांच के लिए सैंपल लिए गए। 582 रैपिड जांच की गई। ग्रामीण क्षेत्रों से भी कुछ इतने ही सैंपल लिए गए।

गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के केस सामने आने के बाद शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में फीवर क्लीनिक्स शुरू किए गए थे। इनमें कोरोना का पता लगाने के लिए रैपिड व आरटीपीसीआर दोनों की व्यवस्था की गई है। अब तक यहां तीन लाख 98 हजार 670 लोगों की जांच की जा चुकी है। इनमें से शहरी अस्पतालों में दो लाख 21 हजार 474 लोगों की जांच की गई है।

सिविल सर्जन डॉ. संतोष वर्मा ने बताया कि मल्हारगंज , जिला अस्पताल, राजेंद्र नगर डिस्पेंसरी, बाणगंगा अस्पताल आदि जगह पर रोजाना 100 सैंपल लेने के लिए कहा गया है। इसमें आरटीपीसीआर और रैपिड जांच दोनों शामिल है। बड़े सेंटरों पर यह टारगेट पूरा हो जाता है। छोटे सेंटर्स पर यह संख्या कम-ज्यादा होती रहती है।



 

इंदौर में युवती पर ब्लेड से हमला:एकतरफा प्यार में पागल युवक की हरकत, शादी के 3 साल बाद मायके आई थी युवती; चेहरे पर लगे 45 टांके, भाई भी गंभीर


इंदौर के आजाद नगर इलाके में एकतरफा प्यार में पागल सिरफिर ने युवती पर ब्लेड से हमला कर दिया। युवती को बचाने आए भाई पर भी उसने कई वार किए। गंभीर रूप से घायल दोनों को एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया है। युवती के दोनों गाल पर 45 टांके लगे हैं। पुलिस ने सिरफिरे आशिक को गिरफ्तार कर लिया है।

वारदात मंगलवार की देर शाम की है। आजाद नगर में युवती आसीम शादी के 3 साल पहले मायके आजाद नगर आई थी। मंगलवार दोपहर को अक्का उर्फ अकरम खान ने आसीम को किसी और के साथ देख लिया। देर शाम वह घर में घुसकर आसीम पर ब्लेड से हमला कर दिया। चेहरे को निशाना बनाकर किए गए हमले में आसीम बुरी तरह घायल हो गई। उसकी चीख-पुकार सुनकर भाई बचाने आया तो अकरम ने उस पर भी हमला कर दिया। दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए। आसपास के लोग आए तो अकरम भाग गया। लोगों ने दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया।

इलाके में हुई इस घटना के बाद पुलिस अधिकारियों ने उसे गंभीरता से लेते हुए देर रात आरोपी को 2 बजे उसके रिश्तेदार के घर से गिरफ्तार किया है। आरोपी अक्का ने बताया कि कई सालों बाद आसीम को देखा और देखते ही उसे गुस्सा आ गया। वह उसे बेइंतहा मोहब्बत करता था और शादी करना चाहता था, लेकिन और किसी के साथ उसकी शादी होने से वह खफा था।

युवती के दो बच्चे भी हैं
लड़की के पिता ने बताया कि अक्का तीन साल पहले उनकी लड़की को परेशान करता था। वह उससे शादी करना चाहता था, लेकिन उन्होंने बेटी की शादी कहीं और कर दी थी। उसके दो बच्चे भी हैं। बेटी शादी के बाद पहली बार अपने पिता के घर आई थी। अक्का ने मौका पाकर उस पर हमला कर दिया। अक्का पर आसीम के परिजन ने आजाद नगर थाने में पहले भी अक्का के खिलाफ केस दर्ज कराया था। उस पर जुए और अन्य मामले दर्ज हैं।




 

राजनीति के अपराधीकरण पर सख्ती:सुप्रीम कोर्ट ने कहा- आपराधिक छवि वाले नेताओं को कानून बनाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए


आपराधिक छवि वाले नेताओं के रिकॉर्ड का चुनाव में खुलासा करने के अपने आदेश की अवमानना (कंटेम्प्ट) पर सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी की है। कोर्ट ने मंगलवार को कहा, 'राजनीतिक व्यवस्था के अपराधीकरण का खतरा बढ़ता जा रहा है। इसकी शुद्धता के लिए आपराधिक पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों को कानून निर्माता बनने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। मगर हमारे हाथ बंधे हैं। हम सरकार के आरक्षित क्षेत्र में अतिक्रमण नहीं कर सकते। हम केवल कानून बनाने वालों की अंतरात्मा से अपील कर सकते हैं।'

चुनावी कैंडिडेट का आपराधिक रिकॉर्ड सार्वजनिक न करने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है। इस मामले में कोर्ट ने मंगलवार को भाजपा और कांग्रेस समेत 8 दलों पर जुर्माना लगाया। इन सभी 8 पार्टियों ने बिहार चुनाव के समय तय किए गए उम्मीदवारों के क्रिमिनल रिकॉर्ड सार्वजनिक करने के आदेश का पालन नहीं किया था।

राजनीतिक दलों पर जुर्माना लगाने के साथ ही कोर्ट ने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को अपने उम्मीदवारों का चयन करने के 48 घंटे के अंदर उनका क्रिमिनल रिकॉर्ड पब्लिश करना होगा। सभी पार्टियों को अपने सभी उम्मीदवारों की जानकारी अपनी वेबसाइट पर देनी होगी और दो अखबारों में भी पब्लिश करानी होगी। उम्मीदवार के चयन के 72 घंटे के अंदर इसकी रिपोर्ट चुनाव आयोग को भी सौंपनी होगी।

कम प्रसार वाले अखबारों में छपवाए, सुप्रीम कोर्ट नाराज
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अवमानना की कार्रवाई से बचने के लिए पार्टियों ने आपराधिक छवि वाले प्रत्याशियों के रिकॉर्ड की जानकारी ऐसे अखबारों में छपवाई, जिनकी प्रसार संख्या बहुत कम थी। जबकि हमने आदेश दिया था कि जानकारी ज्यादा प्रसार वाले अखबारों में प्रकाशित कराई जाए। इतना ही नहीं, इलेक्ट्रोनिक मीडिया में भी यह जानकारी प्रसारित की जाए। भविष्य में राजनीतिक दल ऐसी गलती न दोहराएं और आदेश का सही तरह से पालन किया जाए।

भाजपा-कांग्रेस पर एक-एक लाख का जुर्माना
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भाजपा, कांग्रेस, जेडीयू, आरजेडी, एलजेपी और CPI पर एक-एक लाख रुपए का जुर्माना लगाया। वहीं, NCP और CPM पर पांच-पांच लाख रुपए का जुर्माना किया गया है। कोर्ट ने आदेश देने से पहले कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि बार-बार अपील करने के बावजूद राजनीतिक दलों ने नींद तोड़ने में रुचि नहीं दिखाई।

फरवरी 2020 के आदेश में किया बदलाव
नए आदेश के साथ ही कोर्ट ने अपने पिछले फैसले में बदलाव किया है। फरवरी 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उम्मीदवार के चयन के 48 घंटे के अंदर या फिर नामांकन दाखिल करने की पहली तारीख से दो हफ्ते पहले (इन दोनों में से जो भी पहले हो) उम्मीदवारों की पूरी जानकारी देनी होगी। वहीं पिछले महीने कोर्ट ने कहा था कि इसकी संभावना कम है कि अपराधियों को राजनीति में आने और चुनाव लड़ने से रोकने के लिए विधानमंडल कुछ करेगा।

नवंबर में दाखिल की गई थी याचिका
इस मामले में नवंबर 2020 में एडवोकेट ब्रजेश सिंह ने याचिका दायर की थी। उन्होंने बिहार विधानसभा चुनावों के दौरान उन पार्टियों के खिलाफ मानहानि की अर्जी दाखिल की थी, जिन्होंने अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड का ब्योरा नहीं दिया था।




 

माननीयों के क्रिमिनल केस पर सुप्रीम कोर्ट सख्त:MP-MLA के क्रिमिनल केस वापस नहीं ले सकेंगी राज्य सरकारें, वापस लिए गए पुराने मामले भी दोबारा खुलेंगे


अब राज्य सरकारें सांसदों और विधायकों पर चल रहे क्रिमिनल केस वापस नहीं ले सकेंगी। इसके लिए संबंधित राज्य के हाईकोर्ट की मंजूरी जरूरी होगी। आपराधिक मामलों में सजा पाने वाले सांसदों और विधायकों को हमेशा के लिए चुनाव लड़ने से रोकने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह बात कही। कोर्ट ने सितंबर 2020 के बाद सांसदों-विधायकों के वापस लिए गए केस दोबारा खोलने को भी कहा है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील अश्विनी कुमार उपाध्याय ने यह पिटीशन दाखिल की थी। इसमें सांसदों-विधायकों के केस के जल्दी निपटारे के लिए स्पेशल कोर्ट बनाने की भी मांग की गई है। सुप्रीम कोर्ट में 3 जजों की बेंच ने इस मामले में सुनवाई की। इसमें चीफ जस्टिस एवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विनीत सरन शामिल थे।

MP-MLA के बंद मामले फिर खोलने के निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने के अजीत बनाम केरल सरकार केस में आए फैसले का हवाला देते हुए सभी स्टेट हाईकोर्ट से अपील की है कि वे सितंबर 2020 और उसके बाद सांसदों-विधायकों के खिलाफ वापस लिए गए सभी मामलों की फिर से जांच करें। CJI ने सभी हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को पेंडिंग केस और निपटाए गए केस का चार्ट पेश करने का आदेश भी दिया।

चीफ जस्टिस ने CBI को फटकार लगाई
मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट के सहयोगी वकील विजय हंसरिया ने कोर्ट को बताया कि उन्हें इस तरह के केसों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ED) से स्टेटस रिपोर्ट मिल चुकी है, लेकिन CBI ने अभी तक स्टेटस रिपोर्ट सब्मिट नहीं की है। इस पर चीफ जस्टिस ने CBI को फटकार लगाते हुए कहा, 'हम आश्वस्त हैं कि सरकार इस मुद्दे पर बहुत गंभीर है और कुछ करना चाहती है, लेकिन अब तक कोई प्रोग्रेस नहीं हुई है। जब आप (CBI) स्टेटस रिपोर्ट भी फाइल नहीं करना चाहते, तो हमसे क्या उम्मीद कर सकते हैं?'

सरकार की तरफ से मौका देने की अपील
इसके जवाब में CBI का पक्ष रख रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से स्टेटस रिपोर्ट सब्मिट करने के लिए और समय की मांग की। मेहता ने कहा, 'हमने कल ED की ओर से एक रिपोर्ट दायर की थी। CBI के डायरेक्टर को भी जल्द से जल्द स्टेटस रिपोर्ट सब्मिट करने को कहा है।' सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट से इस केस में एक आखिरी मौका देने की अपील की।

कर्नाटक ने 61 MP-MLA के केस वापस लिए
इससे पहले, कोर्ट के सहयोगी वकील हंसरिया ने कहा कि कर्नाटक सरकार ने 61 सांसदों-विधायकों के खिलाफ केस वापस ले लिए हैं। इस पर भी कोर्ट को विचार करना चाहिए।

UP-उत्तराखंड में भी क्रिमिनल केस वापस हुए
हंसरिया ने कहा कि यूपी और उत्तराखंड समेत कई राज्य सरकारों ने अपने आदेश के जरिए दोषी जनप्रतिनिधियों के खिलाफ क्रिमिनल केस वापस ले लिए हैं।

कोर्ट मित्र ने सुप्रीम कोर्ट से दखल की अपील की
हंसरिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मामले में ऑर्डर पास करना चाहिए कि संबंधित राज्य के हाईकोर्ट के आदेश के बिना राज्य सरकारें दोषी सांसदों-विधायकों के क्रिमिनल केस वापस नहीं ले सकें।

CBI और स्पेशल कोर्ट सुनवाई जारी रखेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि CBI कोर्ट और स्पेशल कोर्ट में MP-MLA के खिलाफ ऐसे केस की सुनवाई करने वाले जज अगले आदेश तक सुनवाई जारी रखेंगे।

केस की अगली सुनवाई 25 अगस्त को होगी
चीफ जस्टिस ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के निवेदन पर मामले की सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टाल दी। अब कोर्ट 25 अगस्त को इस मामले में सुनवाई करेगा।




 

इंदौर में रूई की फैक्ट्री में भीषण आग:पांच ट्रकों की रूई जली, हादसे के समय 30 से अधिक कर्मचारी कंपनी में थे, कोई जनहानि नहीं


इंदौर के MR 10 के पास गांव में सोमवार देर रात रूई की फैक्टरी में भीषण आग लग गई। पांच ट्रकों की रूई पूरी तरह से जलकर खाक हो गई। घटना के समय फैक्टरी में 30 कर्मचारी मौजूद थे। फायर ब्रिगेड ने भारी मशक्त के बाद आग पर काबू किया।

फायर ब्रिगेड के मुताबिक घटना रात 10 बजे के लगभग कुमेडी काकड़ गांव के पास बनी रूई की फैक्टरी है। फैक्टरी संजय अग्रवाल की है। रात में फैक्टरी में अचानक रूई में आग लग गई। सूचना के बाद दमकलों की करीब 5 से अधिक गाड़ी और आधा दर्जन टैंकर मौके पर भेजे गए, जिसमें देर रात तक आग बुझाया गया।

दमकल कर्मियों के मुताबिक मैनेजर ने बताया कि यहां दोपहर में ही 5 ट्रकों में भरकर भारी मात्रा में रूई लाई गई थी। इसमें काम चल रहा था। इस दौरान करीब 30 से ज्यादा कर्मचारी अंदर काम कर रहे थे। आग लगने के बाद सभी काम कर रहे कर्मचारियों ने बाहर दौड़कर अपनी जान बचाई। फिलहाल आग का कारण स्पष्ट नहीं हो पाया है।


 

धार में लूट के बाद हत्या:बदमाशों ने ढाबे में बंधक बनाकर खाना खाया; मारपीट के बाद लूटपाट करने लगे, बचाने आए लोगों पर गोली चलाई, 1 की मौत


धार जिले में बेखौफ बदमाशों ने लूटपाट के बाद एक की गोली मार कर हत्या कर दी। बदमाश रात में ढाबे के पीछे का दरवाजा तोड़कर घुसे थे। मालिक और कर्मचारियों को बंधक बना लिया। ढाबे में खाना खाने के बाद लूटपाट करने लगे। विरोध करने पर उनकी पिटाई शुरू कर दी। आसपास के लोग बचाने आए तो फायरिंग कर दी। मौके पर ही एक व्यक्ति की मौत हो गई।

वारदात धार में इंदौर-अहमदाबाद हाईवे पर स्थिति दत्तीगांव के पास एक ढाबे की है। सोमवार रात डेढ़ बजे गोरी ढाबे पर चार से पांच बदमाश आए। बदमाशों ने ढाबे के पीछे का दरवाजा तोड़कर अंदर घुस गए। ढाबे का मालिक और अन्य कर्मचारी अंदर सो रहे थे। बदमाशों ने उन्हें बंदी बना कर खाना खाया और लूटपाट और मारपीट करने लगे। हंगामे की आवाज सुनकर ढाबे के आसपास रह लगे लोग दौड़ कर घटना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने बदमाशों को घेर लिया। इस पर बदमाशों ने उनपर फायरिंग कर दी।

एक गोली 27 वर्षीय भीमा उर्फ करणसिंह श्यामा निवासी बेवटा को लग गई। फायरिंग और हजारों का माल लूटने के बाद बदमाश वहां से भाग गए। घटना के कुछ देर बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर तहकीकात शुरू की। मंगलवार को भीमा के शव को राजगढ़ अस्पताल भेजा दिया गया।

धार एसपी आदित्य प्रताप सिंह ने बताया कि युवक को सीने में गोली लगी है। जिस के कारण उसकी मौके पर ही मौत हो गई है। घटना की जांच की जा रही है। बदमाशों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।




 

सावन के तीसरे सोमवार महाकाल की शाही सवारी:हरसिद्धि मंदिर से महाकाल मंदिर पहुंची; बारिश के बीच 30 से 35 हजार श्रद्धालुओं ने किए दर्शन


महाकाल की नगरी उज्जैन में तीसरे सोमवार को उत्सव का माहौल है। सुबह से ही मंदिर के बाहर भक्तों की कतार लगी है। भीड़ की वजह से सभी भक्तों के लिए मंदिर के द्वार खोल दिए गए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की पत्नी साधना सिंह भी महाकाल मंदिर में दर्शन करने पहुंचीं। शाम तक 30 से 35 हजार श्रद्धालुओं ने दर्शन किए।

शाम 4 बजे बाबा महाकाल की शाही सवारी निकलना शुरू हो गई। मंदिर से सवारी शिप्रा नदी के रामघाट पर पहुंची। यहां से सवारी हर सिद्धि मंदिर पहुंची। यहां शिव-शक्ति का मिलन किया गया। पूजन के बाद यहां से पालकी वापस महाकाल मंदिर पहुंची। पालकी में करीब 500 से 600 लोग ही मौजूद रहे। बारिश ने भी बाबा महाकाल का स्वागत किया।

इसके पहले तड़के महाकाल की भस्मारती में बेलपत्रों से बनी विशेष माला अर्पित की गई। भांग, चंदन, फूल और वस्त्र आदि से भगवन महाकालेश्वर का आलौकिक श्रृंगार किया गया। इसी दौरान गर्भ गृह के सामने वाले नंदी हाल को भी फूलों से सजाया गया।

तीसरे सोमवार को बाबा के दर्शन के लिए सुबह 3 बजे से ही भक्तों की लाइन लग गई। कोविड प्रोटोकॉल के साथ सुबह 5 बजे से भक्तों के दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया और पूरा मंदिर महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आए भक्तों के लिए पिछले दो सोमवारों की तरह इस बार भी फ्री फॉर आल कर दिया गया है।

पंडित संजय शर्मा पंडित ने बताया कि भगवान महाकालेश्वर की श्रावण भाद्रपद माह में तीसरे सोमवार को भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर चांदी की पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकलेंगे। श्री मनमहेश हाथी पर विराजित होकर भक्तों को दर्शन देंगे। कोविड के प्रोटोकॉल के तहत श्रावण माह की तीसरी सवारी में भी श्रद्धालुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा।

बाबा की तीसरी सवारी
आज शाम सावन की तीसरी सवारी निकाली जाएगी। बाबा अपने लाव लश्कर के साथ मंदिर प्रांगण से पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण पर प्रजा का हाल जानने निकलेंगे। कोरोना के कारण श्रद्धालुओं के प्रवेश पर सवारी में भी प्रतिबंध रहेगा। बाबा महाकाल के टीआई सवारी में शासकीय सलामी पश्चात पालकी में सवार होकर ठीक शाम 4 बजे मंदिर प्रांगण से निकलेंगे। सवारी मार्ग मंदिर के ऐप और सोशल मीडिया के माध्यम से लाइव रहेगी। श्रद्धालु घर बैठे www.mahakaleshwar.nic.in देख सकते हैं।

सवारी मंदिर के मुख्य द्वार से बड़ा गणेश होती हुई हरसिद्धि पाल नरसिंह घाट से क्षिप्रा नदी पहुंचेगी। यहां पूजन के बाद रामानुजकोट आश्रम, हरिद्धि द्वार होते हुए शाम 6 बजे तक मंदिर लौटेगी। सवारी में पुजारी, पंडे और कहार ही शमिल होंगे।



 

खरगोन में सिरफिरे ने ATM में लगाई आग,Video:लाइन में लगे लोगों के आगे पहुंचा आरोपी, फिर पेट्रोल डाल गेट से माचिस जलाकर फेंक गया; मशीन में आग लगी, लेकिन कैश सुरक्षित


मध्यप्रदेश के खरगोन में एक सिरफिरे युवक ने ATM में आग लगा दी। वह ATM के भीतर गया, बोतल से पेट्रोल निकालकर मशीन पर छिड़क दिया। इसके बाद गेट पर खड़े होकर माचिस जलाकर फेंक गया। आग के कारण ATM मशीन का फाइबर वाला ऊपरी हिस्सा जल गया, लेकिन कैश सुरक्षित रहा। पूरी घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया। घटना के वक्त कई लोग बाहर कतार में भी लगे थे। मामले में फ्रेंचाइजी कंपनी ने पुलिस थाने में शिकायत की है।

घटना खरगोन के बिस्टान रोड पर कॉलेज के सामने स्थित ATM में सोमवार की दोपहर करीब 12.30 बजे की है। एक सिरफिरे युवक ने पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी। घटना के समय लाइन में लगे कई लोग लगे थे, लेकिन किसी ने उसे नहीं रोका। बाद में आग पर स्थानीय लोगों ने काबू पाया। इस दौरान भी आरोपी ATM के बाहर खड़ा रहा। कुछ देर बार वह पैदल बिस्टान रोड की ओर बढ़ गया।

सामने आया CCTV फुटेज

CCTV फुटेज के वीडियो में नजर आ रहा युवक पहनावे से शिक्षित लग रहा है। उसके पास एक काले रंग का बैग भी नजर आ रहा है, लेकिन उसने इस तरह का कदम क्यों उठाया यह किसी को समझ नहीं आ रहा है।

पहले भी हो चुकी है ATM में घटना

जिले में इससे पहले बिस्टान और एबी रोड के मगरखेड़ी क्षेत्र में ATM में तोड़फोड़ की घटनाएं हो चुकी है। 7 मार्च 2019 की रात बिस्टान के स्कूल रोड स्थित बैंक ऑफ इंडिया के ATM को अज्ञात बदमाशों ने तोड़ दिया था। मगरखेड़ी क्षेत्र में भी ATM को नुकसान पहुंचाया गया था।


 

तेजी से बढ़ते तालिबान ने भारत के बनाए हाईवे पर कब्जा किया; पाकिस्तान ने तालिबान की मदद को भेजे 20,000 लड़ाके


एक बच्चे की रक्तरंजित लाश पड़ी है और उसकी बहन उसे जगाने की कोशिश कर रही है। अफगानिस्तान का यह वीडियो वहां लगातार खराब हो रहे हालात की एक झलक भर है।

तालिबान और अफगान सरकारी सैन्यबलों के बीच भीषण युद्ध चल रहा है। तालिबान ने देश के बाहरी हिस्सों पर कब्जे के बाद अब प्रातों की राजधानियों की ओर बढ़ना शुरू कर दिया है।

बीते 5 दिनों में तालिबान ने पांच प्रांतीय राजधानियों पर कब्जा कर लिया है। उत्तर में कुंदूज, सर-ए-पोल और तालोकान पर तालिबान ने कब्जा कर लिया। ये शहर अपने ही नाम के प्रांतों की राजधानियां हैं। दक्षिण में ईरान की सीमा से लगे निमरोज प्रांत की राजधानी जरांज पर कब्जा कर लिया है। उजबेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान सीमा से लगे नोवज्जान प्रातं की राजधानी शबरघान पर भी भीषण लड़ाई के बाद तालिबान का कब्जा हो गया है। फिलहाल देश के 80% हिस्से पर या तो तालिबान का कब्जा है या उसके साथ लड़ाई चल रही है।

दैनिक भास्कर ने काबुल समेत अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों के पत्रकारों से बात कर वहां के ग्राउंड के हालात जानने की कोशिश की। कुछ पत्रकारों और आम लोगों ने सुरक्षा कारणों से अपना नाम जाहिर नहीं किया। उन्हीं के हवाले से समझते हैं, अफगानिस्तान के मौजूदा हालात…काबुल में मौजूद राजनीतिक कार्यकर्ता हसीबुल्लाह तरीन कहते हैं, 'अफगानिस्तान में इस समय पूरी तरह युद्ध की स्थिति है। सिर्फ दूर के प्रांतों में ही नहीं, बल्कि काबुल के आसपास भी युद्ध चल रहा है। कुंदूज में भीषण लड़ाई चल रही है। सैन्य बलों की स्थिति बहुत अच्छी नहीं है। तालिबान भारी हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। वो कुंदूज प्रांत और आसपास के कई प्रांतों पर कब्जा करना चाहते हैं। कुंदूज से लोग भाग रहे हैं। वहां मीडिया भी काम नहीं कर पा रहा है। मेरे कई परिचित वहां से भागकर आज ही काबुल पहुंचे हैं।'

ड्रग तस्करी के रूट पर तालिबान का कब्जा, यह उसकी आय का प्रमुख स्रोत

नाम न छापने की शर्त पर अफगान सियासत के एक विशेषज्ञ हमें तालिबान के आगे बढ़ने के मायने समझाते हैं। पढ़िए उन्हीं की जुबानी...

‘पारंपरिक रूप से तालिबान के गढ़ रहे उत्तरी अफगानिस्तान के सबसे अहम शहर कुंदूज पर तालिबान का कब्जा उसकी अब तक की सबसे बड़ी जीत है। अफगानिस्तान को मध्य एशिया से जोड़ने वाले रास्ते पर पड़ने वाला ये शहर ड्रग तस्करी के रूट पर पड़ता है। अफगानिस्तान से यूरोप जाने वाली अफीम और हेरोइन यहीं से होकर गुजरती है। इस शहर पर कब्जे का मतलब है कि तालिबान के पास एक बड़ा आय स्रोत भी आ जाएगा।

तालिबान इससे पहले साल 2015 और 2016 में भी कुछ समय के लिए कुंदूज पर कब्जा कर चुका है, लेकिन तब वो अपना नियंत्रण बरकरार नहीं रख पाया था। अफगान बलों के सामने सबसे बड़ी चुनौती कुंदूज से तालिबान को खदेड़ना होगा। अगर वह वहां लंबे समय तक काबिज रहा तो उसके पास आय का एक नया स्रोत विकसित हो जाएगा, जो अफगान सरकार के लिए मुश्किल खड़ी करेगा।’

ईरान सीमा के पास जरांज पर कब्जा भी तालिबान के लिए बड़ी रणनीतिक जीत है। ईरान के रास्ते अफगानिस्तान को होने वाला कारोबार यहीं से गुजरता है। ये शहर उसी 217 किलोमीटर लंबे देलाराम- जरांज हाइवे पर है जो भारत ने अफगानिस्तान में बनाया है।

काबुल के एक वरिष्ठ पत्रकार कहते हैं, ‘इस पर कब्जा अफगान सरकार के लिए एक बड़ा झटका है। इस कब्जे के बाद इस रास्ते के जरिए होने वाली कारोबारी गतिविधियां तालिबान के हाथ में आ जाएंगी।’

दो-तीन महीने में हम जमीनी हालात बदल देंगे, तालिबान को बातचीत की टेबल पर आना होगा: अफगान सेना

अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमीरुल्ला सालेह के प्रवक्ता रिजवान मुराद ने भास्कर से बताया कि तालिबान शहरों में लोगों को मानव कवच (ह्यूमनशील्ड) की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं। कुंदूज, तखार और कंधार के स्पिन बोल्दाक में तालिबान ने आम लोगों को बर्बरता से मारा है। वो बच्चों को मार रहे हैं, पत्रकारों को मार रहे हैं। वो स्कूलों को आग लगा रहे हैं, सरकारी इमारतों को आग लगा रहे हैं।

अमेरिकी सेना की वापसी की घोषणा के बाद से तालिबान तेजी से आगे बढ़ रहा था। बीते एक सप्ताह में तालिबान नेसेना के सामने बेहद मुश्किल हालात पैदा किए हैं।

मुराद कहते हैं, ‘अफगानिस्तान सरकार ने शांति लाने के लिए छह महीने की सुरक्षा योजना बनाई है। अफगानिस्तान के सुरक्षा बल अगले-दो तीन महीनों में जमीनी हालात को बदल देंगे। तालिबान के पास सिर्फ एक ही विकल्प बचेगा- बैठकर शांति से बात करने का।'

हम नहीं, सरकार आम लोगों पर हमला कर रही है: तालिबान

आम लोगों पर हमले की बात करने पर तालिबान प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद कहते हैं, ‘हमने नहीं, सरकार ने देश के अलग-अलग हिस्सों में नागरिकों पर हमले का आदेश दिया है। वो सार्वजनिक सुविधाओं पर बमबारी कर रहे हैं। हमारे गरीब लोगों को अपने घर छोड़कर भागना पड़ रहा है। वो अलग-अलग प्रांतों में अपराध कर रहे हैं। हम इस पर खामोश नहीं बैठेंगे। कुंदूज और सर-ए-पोल अब तालिबान के नियंत्रण में हैं, तखर और शबरघान में भी तालिबान आगे बढ़ा है। ये शहर अब तालिबान के नियंत्रण में है और यहां माहौल शांतिपूर्ण है।'

अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमीरुल्ला सालेह के प्रवक्ता रिजवान मुराद कहते हैं, 'हमने एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को बताया है कि तालिबान और उसकी समर्थक पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने मदरसों से 20,000 से अधिक लड़ाके अफगानिस्तान पहुंचाए हैं। तालिबान के अल कायदा और दूसरे अन्य कट्टरपंथी समूहों से भी संबंध हैं। हमारे सैनिक कम से कम 13 आतंकवादी समूहों के खिलाफ लड़ रहे हैं।'

काबुल भी सुरक्षित नहीं, लगातार हमले कर रहा है तालिबान

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल देश के दूसरे हिस्सों के मुकाबले अधिक सुरक्षित है, लेकिन बीते बुधवार को काबुल में तालिबान के आत्मघाती लड़ाकों ने एक बेहद दुस्साहसिक हमले में रक्षा मंत्री के घर को निशाना बनाया। इस हमले में 8 नागरिक मारे गए और दर्जनों घायल हुए। ये बीते एक साल में काबुल पर तालिबान का सबसे बड़ा हमला था।

इस हमले के बाद तालिबान के प्रवक्ता जबीउल्लाह मुजाहिद ने भास्कर को भेजे एक लिखित बयान में कहा, 'इस्लामी अमीरात की शहीद बटालियन का ये हमला काबुल सरकार के प्रमुख लोगों के खिलाफ तालिबान के हमलों की शुरुआत है। हम आगे भी ऐसे हमले करेंगे।'

इसके अगले ही दिन शुक्रवार को तालिबान ने अफगानिस्तान सरकार के मीडिया प्रमुख दावा खान मेनापाल की काबुल में हत्या कर दी।

काबुल में तालिबान के हमलों के बाद सड़कों पर उमड़ी भीड़ ने उसके खिलाफ अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाना शुरू किया। सबसे पहले हेरात प्रांत के लोगों ने ये नारा लगाना शुरू किया और अब काबुल समेत पूरे देश के लोग इसमें शामिल हो रहे हैं।

अफगानिस्तान में महिला अधिकार कार्यकर्ता और देश के चुनाव आयोग से जुड़ी रहीं जरमीना कहती हैं, 'काबुल के लोगों ने शांति के लिए अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाया। इसमें देश भर के बच्चे, बूढ़े, महिलाएं और कबीलाई शामिल थे। ये नारा अफगानिस्तान की एकजुटता के लिए है। अफगानिस्तान के लोग फिर से तालिबान का शासन नहीं चाहते हैं। अल्लाह-हू-अकबर का नारा लगाकर लोगों ने बता दिया है कि वो तालिबान की विचारधारा के समर्थक नहीं हैं।'

वहीं, काबुल में रहने वाली मानवाधिकार कार्यकर्ता और संयुक्त राष्ट्र में अफगानिस्तान का प्रतिनिधित्व कर चुकी श्कुला जरदान कहती हैं, ‘हाल के दिनों में दो ऐसी चीजें हुई हैं जिनसे माहौल बदला है और लोगों को उम्मीद मिली है। पहला ये कि राष्ट्रपति अशरफ गनी ने स्पष्ट किया है कि सरकार तालिबान के खिलाफ पूरी ताकत के साथ लड़ेगी और दूसरा ये कि हेरात से शुरू हुआ अल्लाह-हू-अकबर आंदोलन पूरे देश में फैल गया है। इससे तालिबान की धार्मिक वैधता को चुनौती मिली है।'

उत्तरी अफगान में आम लोगों ने तालिबान के खिलाफ उठाए हथियार

उत्तरी अफगान में रहने वाले एक आम नागरिक नाम न छापने की शर्त पर बताते हैं, ‘यहां आम लोगों ने तालिबान के खिलाफ हथियार उठा लिए हैं। वो सरकारी सैन्य बलों के साथ मिलकर लड़ रहे हैं। हेरात में तालिबान के कब्जे के खिलाफ एक विद्रोह शुरू हो गया है, जिससे तालिबान के सामने मुश्किलें आ रही हैं।’

अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की स्टेप बाई स्टेप वापसी जारी है, लेकिन मौजूदा हालात में अमेरिका ने अफगान सेना के समर्थन में तालिबान के खिलाफ कुछ हवाई हमले किए हैं। इनमें बमवर्षक विमानों बी-52 का इस्तेमाल भी किया गया है।

तालिबान ने इन हवाई हमलों को लेकर कहा है, ‘हवाई हमलों में आम अफगानी लोगों को निशाना बनाया जा रहा है। इन हवाई हमलों के बावजूद तालिबान की रफ्तार थमी नहीं है।’

हिंसा में मारे जा रहे हैं बच्चे, बेघर हो रहे हैं लोग

बच्चों के लिए काम करने वाली संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNICEF की अफगानिस्तान में प्रतिनिधि हर्वे लूडोविच डे लिज की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि बीते 72 घंटों में अफगानिस्तान में 20 बच्चों की मौत हुई है और 130 बच्चे घायल हुए हैं। उन्होंने कहा, 'UNICEF हथियारबंद समूहों द्वारा जबरदस्ती बच्चों को भर्ती करने को लेकर भी चिंतित है।'

वहीं, शरणार्थी मामलों की संयुक्त राष्ट्र की संस्था UNHCR ने एक बयान में कहा है कि बीते एक महीने में ही अफगानिस्तान में पैंतीस हजार परिवार बेघर हुए हैं।

अभी तक मौजूदा स्थिति के मुताबिक, तालिबान बिजली की तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन अफगान सरकार की बातचीत से पहले युद्धक्षेत्र में तालिबान को हराने की रणनीति और आम लोगों के तालिबान के खिलाफ उतरने से हालात कुछ बदले हैं। युद्ध से घिरे अफगानिस्तान में इससे हालात कितने बदलेंगे, यह कुछ वक्त बाद ही पता चलेगा।



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